लोरमी- महिलाओं ने किया वट सावित्री की पूजा, मांगी अखण्ड सुहाग का वरदान, तेज उमस गर्मी में रखी पति की लंबी उम्र के लिए उपवास
महिलाओं ने किया वट सावित्री की पूजा, मांगी अखण्ड सुहाग का वरदान, तेज उमस गर्मी में रखी पति की लंबी उम्र के लिए उपवास
लोरमी – वट सावित्री के अवसर पर महिलाओं ने पति के लंबी उमर के लिए रखे व्रत विधि विधान से किया पूजा अर्चना वट वृक्ष के 108 फेरे लगाकर अखण्ड सौभाग्य का वरदान मांगे।
वट सावित्री पूजन के लिए महिलाएं अपनी पति के लंबी उमर के लिए वट वृक्ष का पूजा किये। यह दिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इस दिन पतिव्रता सावित्री देवी के रूप में मनाया जाता है जानकारों के बताये अनुसार इस दिन मृत्यु देव ने पतिव्रता सावित्री के पति की प्राण हरण करना चाहा लेकिन भारतीय नारी की प्रेम के आगे सावित्री ने यमदूत से अपने पति की जीवन वापस ले लिए इस वजह से भारतीय नारी आज भी वट सावित्री की पूजा करती है और अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है। वट सावित्री व्रत सौभाग्य और संतान सुख देने वाला व्रत है इस व्रत में वट और सावित्री दोनों का विशेष महत्व माना गया है पुराणों में पीपल की तरह वट वृक्ष की विशेष महता है। वट सावित्री पूजन के लिए सुहागिनी महिलाओं के द्वारा सुबह से व्रत रखकर वट वृक्ष पर जल अर्पण कर हल्दी, तिलक, सिंदूर, चंदन का लेप लगाकर फल-फुल अर्पित करते हुये मीठा का भोग लगाये तथा वट वृक्ष मेें मौली धागे को धुमाते हुये 108 फेरे लगाये तथा पति की दीर्घायु व सुख समृद्धि के लिए कामना करते हुये आरती किये । वट सावित्री पूजा करने के लिए वट वृक्ष के नीचे महिलाओं की काफी भीड़ रही नगर के बाजारपारा, रानीगांव, ब्राम्हणपारा, शान्ति चौक, डबरीपारा, राम्हेपुर, मजगाव, सारधा सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रा में काफी संख्या में सुहागिनी महिलाएं पुजा कर अपनी पति की लंबी उम्र की कामना किये। विधी विधान से पूजा अर्चना कर महिलायें घर पहुँचकर पति के पैर छुकर आर्शीवाद लेने के पश्चात प्रसाद खाकर पारण किए।
तेज गर्मी उमस में पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनी महिला रही उपवास –
6 जुन गुरूवार वट सावित्री के अवसर विशेष पूजा अर्चना किया गया वही वट सावित्री पूजन के लिए महिला अपने पति के लंबी उम्र के लिए कामना करते हुए उपवास रही देखा जाये तो पूरे अंचल में अभी काफी तेज धूप के साथ उमस गर्मी पड़ रही है महिला अपने पति के लंबी उम्र के लिए इस तेज गर्मी में उपवास रही। वही पूजन के बाद महिलायें वट सावित्री पूजा की कहानी बताती जहाॅ महिला एक दूसरे की कहानी सुनती है।